तो चलिए ले चलते हैं अब आपको कोरोना के क़हर के दो साल बाद फिर से एक नई जगह घुमाने।
इस बार के ट्रिप की जानकारी दे दूं कि इस बार पूरे परिवार के साथ प्लान बना है और हम आप मे से बहुत लोग पूरे परिवार के साथ घूमना तो चाहते हैं मगर सही रुट मैनेजमेंट और बजट मैनेजमेंट की वजह से घर से नही निकल पाते हैं तो ऐसे ही साथियों की मदद के लिए मैं अपने अनुभव साझा करता रहा हूँ ताकि उन्हें भी घूमने में उनकी मदद कर सकूं।
इस बार की ट्रिप पूरी तरह बजट ट्रिप है और मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि आप लोगों को सारी जानकारी दे सकूं, साथ ही लगने वाला खर्च भी साझा करता रहूंगा।
चलिए इस बार आप लोगों को घुमाते हैं,
पूर्वोत्तर के द्वार गुवाहाटी की सैर कराते हैं।
हम सभी लोगों का अचानक से प्लान बना, कोई पहले से प्लान नहीं था सिर्फ 5 दिन पहले की मेहनत और आज इस ट्रिप का पहला दिन।
हम लोग अपने निवास स्थान से निजी साधन द्वारा दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) पहुंचे और वहां से हम लोगों ने राजेन्द्र नगर टर्मिनल (पटना) तक फरक्का एक्सप्रेस की बुकिंग करवाई थी, मजे की बात आपको बताऊं कि DDU जंक्शन के डिस्प्ले पर कहीं भी आपको फरक्का एक्सप्रेस की डिटेल नहीं मिल रही थी, ऑनलाइन चेक करने पर पता चल रहा था कि ट्रेन रास्ते में वाराणसी से आगे निकल चुकी है और जब मैं पूछ-ताछ काउंटर पर गया पता करने तो वहां मुझे बताया जाता है कि वह ट्रेन अभी वाराणसी स्टेशन पर खड़ी है और अभी चलने पर एनाउंसमेन्ट किया जाएगा, इतना सुनकर मैं प्लेटफॉर्म पर ही टहलने लग गया तभी अचानक से फरक्का एक्सप्रेस अपने पूरे शबाब के साथ प्लेटफार्म नंबर दो पर शांति पूर्वक आ करके खड़ी हो गई चूंकि मैंने नाम पढ़ लिया था इसलिए तुरन्त एक्टिव होते हुए अपनी ट्रिप मेम्बर्स को इनफॉर्म करके अपने बोगी में प्रस्थान किया, इसलिए आप लोग भी यथा सम्भव ऑनलाइन चेक करते रहें नही तो ऐसा ही होता कि हम लोग बैठे रह गए होते और ट्रेन निकल गयी रहती और हम लोग भी रह गए होते यंही। ट्रेन के चलने तक भी किसी प्रकार की कोई एनाउंसमेन्ट नही सुनाई दिया फरक्का एक्सप्रेस के संदर्भ में।
चूंकि तत्काल निकलने का प्लान हुआ था इसलिये हम लोगों को दूसरे फास्ट ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं मिल पाया तो ये ट्रेन केवल पटना तक के लिए हम लोगों ने बुक किया था उसके बाद राजेंद्र नगर टर्मिनल से गुवाहाटी तक के लिए कामाख्या कैपिटल एक्सप्रेस का चुनाव किया गया क्योंकि उस समय सिर्फ उसी में सीट खाली दिख रही थी। आप लोगों को बता दूं कि भूल कर भी इन दोनों ट्रेन से कभी सफर मत करिएगा, सिर्फ इमरजेंसी के समय यह काम देंगे अन्यथा कोई फास्ट ट्रेन ले लीजिएगा। जो सफर हमे 18 से 20 घंटे में पूरा करना चाहिए था उस सफर में हम लोगों के लगभग 36 घंटे लग गए,तो अगर समय बचाना हो तो आप लोग इन दोनों ट्रेनों से यात्रा मत करिएगा चूंकि हमारी फैमिली लंबी थी हम टोटल ग्यारह सदस्य (6 वयस्क, 5 बच्चे) जा रहे थे इसलिए हम लोगों को थोड़ा सा आसान वाला रास्ता अपनाना पड़ा।
हमारी अगली ट्रेन रात में 11 बजे थी और ये ट्रेन पहले ही डेढ़ से दो घंटे लेट थी और इसके पहुचने का समय रात के 9:30 बजे था, एक बार तो लगा कि अगली ट्रेन कंही छूट न जाये, सबकी सांसे अटकी हुई थीं, सफर में अगर रोमांच न रहे तो सफर का मजा नही आता, जंहा कंही भी ट्रेन रुकती तो हम लोग सोचते कि काश धक्का लगा के ही ले चलते आगे तो और लेट न होती ये ट्रेन, और अगली ट्रेन पकड़ पाते समय से, फिलहाल ये ट्रेन पहुची हमारे स्टॉप पर, थोड़ी लेट ही सही, फिर एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक पहुचने पहुचने में अगली ट्रेन भी आकर लग चुकी थी, चूंकि उसे वंही से बनकर चलना था तो थोड़ी पहले लग गयी और हम लोगों ने इत्मीनान से अपने अपने अपने लगेज को सही जगह अटकाया क्यों कि ये रात और अगला पूरा दिन इसी ट्रेन में बिताना था।
फिर हम सबने घर से बना के लाया गया भोजन मिल बांट कर डिनर के रूप में खाया और फिर अपने अपने बेड पर चल दिये सोने..
(फरक्का एक्सप्रेस द्वारा राजेन्द्र नगर टर्मिनल तक का स्लीपर का किराया प्रति व्यक्ति लगभग 180 ₹, राजेन्द्र नगर टर्मिनल से गुवाहाटी तक स्लीपर का किराया लगभग 480 ₹ प्रति व्यक्ति लगा)
चूंकि इस ट्रेन का सफर छोटा था (लगभग 5 घण्टे का मात्र) तो हम लोगों ने इस सफर में अलग से कोई सामान खाने पीने के लिए नही लिया, पानी के लिए अलग से 15 लीटर का मिल्टन बॉटल ले के गए थे जो घर से ही भर लिया गया था। तो पानी की कमी इस चिलचिलाती गर्मी में उसी से पूरी हो गयी।
इस तरह से हम लोग अपने पहले दिन की यात्रा पूर्ण करते हैं अब मिलते हैं कल।
अगले पूरे दिन का सफर ट्रेन में ही बीता जिसका अनुभव बड़ा रोमांचक और ज्ञानवर्धक रहा, वही ज्ञान और जानकारी प्राप्त करने के लिए इन्तेजार करें अगली पोस्ट का
तब तक कमेंट में अंदाजा लगाएं कि गुवाहाटी से किस स्टेट की ओर हमारा सफर हो सकता है..जो मित्र जानते हैं वो अगली पोस्ट तक संशय बरकरार रखें..
क्रमशः
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